Study Leave Rules for Rajasthan Government Employees ( अध्ययन अवकाश )

प्रवेश

राजस्थान सरकार के कर्मचारियों के लिए अध्ययन अवकाश (Study Leave) एक महत्वपूर्ण सुविधा है, जो उन्हें उच्च शिक्षा, अनुसंधान या प्रशिक्षण पूर्ण करने के लिए दी जाती है। यह ब्लॉग पोस्ट आपको अध्ययन अवकाश के नियम, पात्रता, अवधि, लाभ, आवश्यक शर्तें और आवेदन प्रक्रिया के बारे में स्पष्ट, सरल

अध्ययन अवकाश क्या है?

अध्ययन अवकाश एक विशेष अवकाश है, जो कर्मचारियों को अपने विभागीय दायित्वों से संबद्ध विषयों में अध्ययन, अनुसंधान या प्रशिक्षण हेतु प्रदान किया जाता है। यह अवकाश मुख्यतः अर्द्धवेतन (half pay) पर मंजूर होता है और इसकी गणना सामान्य अर्द्धवेतन अवकाश से अलग की जाती है[1][2][3]।

पात्रता (Eligibility)

  • स्थायी कर्मचारी: सभी स्थायी राज्य कर्मचारियों को यह अवकाश देय है।
  • अस्थायी कर्मचारी: वे अस्थायी कर्मचारी जिन्होंने लगातार 3 वर्ष सेवा की हो और जिनकी नियुक्ति राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की अनुशंसा पर या संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत बने भर्ती नियमों के अनुसार हुई हो, भी पात्र हैं।
  • उपर्युक्त श्रेणी में नहीं आने वाले अस्थायी कर्मचारियों को, विशिष्ट परिस्थिति में, नियमों में छूट देकर अधिकतम दो वर्ष का असाधारण अवकाश उच्च अध्ययन हेतु दिया जा सकता है[1][3]।
  • 20 वर्ष या अधिक सेवा: ऐसे कर्मचारी, जिनकी सेवा 20 वर्ष या उससे अधिक हो चुकी हो, सामान्य परिस्थितियों में अध्ययन अवकाश के लिए पात्र नहीं माने जाते[3]।

अध्ययन अवकाश की अवधि

  • अधिकतम अवधि: एक बार में अधिकतम 12 माह और पूरे सेवा काल में मिलाकर अधिकतम 2 वर्ष (24 माह) तक लिया जा सकता है, वह भी एक या अधिक अवसरों पर[1][2][3]।
  • ऐसे अवकाश का अन्य अवकाशों (Leave) के साथ समायोजन हो सकता है, परंतु नियमित ड्यूटी से अनुपस्थिति 28 माह से अधिक नहीं होनी चाहिए (असाधारण अवकाश को छोड़कर)[2]।
  • इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारक: डिग्री प्राप्ति हेतु उन्हें 24 माह का अध्ययन अवकाश और 1 वर्ष का अन्य देय अवकाश मिल सकता है। अस्थायी इंजीनियरिंग कार्मिक (3 वर्ष सेवा पूर्ण) को 3 वर्ष तक का अवकाश संभव है[1][3]।
  • चिकित्सक: P.G. डिग्री हेतु स्वास्थ्य सेवा चिकित्सकों को 3 वर्ष का अध्ययन अवकाश स्वीकृत है[1]।

अध्ययन अवकाश के लाभ

  • अर्द्धवेतन: अध्ययन अवकाश के दौरान कर्मचारी को अर्द्धवेतन (half pay) और बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (DA) मिलता है, लेकिन मकान किराया भत्ता (HRA) नहीं दिया जाता है[1]।
  • वार्षिक वेतन वृद्धि: अवकाश के दौरान भी वेतन वृद्धि देय रहती है, उसका वास्तविक लाभ सेवा में पुनः लौटने की तिथि से मिलेगा।
  • सेवा गणना: अध्ययन अवकाश अवधि सेवा की गणना, पदोन्नति और पेंशन के लिए नियमित मानी जाती है।
  • वेतन सीमा: भुगतान नियम 97(2) अनुसार, अध्ययन अवकाश पर वेतन अधिकतम ₹59,000 प्रतिमाह (अर्द्धवेतन पर) देय है[1]।

आवेदन प्रक्रिया

  1. प्रस्ताव व विवरण: कर्मचारी को संबंधित प्राधिकारी को आवेदन देना होता है, जिसमें अध्ययन/कोर्स/अनुसंधान का पूर्ण विवरण शामिल हो।
  2. प्रमाण-पत्र संलग्न करना: अवकाश पूर्ण होने पर पाठ्यक्रम/परीक्षा/अनुसंधान पूरा करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है[1][3]।
  3. सेवा पुस्तिका इंद्राज: अध्ययन अवकाश का विवरण कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में अनिवार्यतः दर्ज होना चाहिए।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • अध्ययन अवकाश के साथ सामान्य अवकाश को जोड़ा जा सकता है, परंतु संयोजन अवधि 28 माह से अधिक नहीं हो सकती (यदि असाधारण अवकाश समायोजित न हो)[1][2]।
  • 2 वर्ष या अधिक समय के अध्ययन अवकाश लेने पर कर्मचारी को 5 वर्ष की सेवा का बंधक पत्र भरना अनिवार्य है ।
  • अवकाश का उद्देश्य विभागीय हित में होना चाहिए, एवं Cadre प्रबंधन या कार्य में बाधा न उत्पन्न हो ।
  • अवकाश अवधि में अन्य कोई नियुक्ति/सैलरी लेन-देन/बॉन्ड की शर्तें भी लागू हो सकती हैं (जैसे राज्यपाल की अधिसूचना या विभागीय आदेश अनुसार)[4]।

निष्कर्ष

अध्ययन अवकाश, राजस्थान सरकार के कर्मचारियों के लिए प्रशासनिक सुधार, कैरियर विकास और आधुनिक शिक्षा/अनुसंधान के लिए सुनहरा अवसर है, बशर्ते शर्तें एवं प्रक्रियाएं पूरी हों। सही योजना, तय नियमों के अनुसार आवेदन और प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने से इस सुविधा का पूर्ण लाभ उठाया जा सकता है।

अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और उच्च शिक्षा या रिसर्च की योजना बना रहे हैं, तो उपयुक्त विभागीय मार्गदर्शन लेकर, समय रहते आवेदन करें और भविष्य निर्माण का लाभ उठाएं!

नोट: नियमों की मौजूदा स्थिति के अनुसार, अपनी केस-दर-केस स्थिति की पुष्टि जरूर करें क्योंकि समय-समय पर संशोधन संभव हैं।

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