एक बार एक बड़े शहर में एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक का भाषण था। मीडिया, मंत्री, और हजारों लोग उपस्थित थे। जब उस वैज्ञानिक ने मंच पर आकर बोलना शुरू किया, तो सबसे पहले उन्होंने कहा —
“मैं यहां तक इसलिए पहुंचा हूं क्योंकि एक इंसान ने मुझ पर विश्वास किया जब पूरी दुनिया मेरा मज़ाक उड़ा रही थी।”
लोग हैरान हुए — “कौन था वो इंसान?”
उन्होंने आगे कहा —
“वो मेरे स्कूल के शिक्षक थे, जिन्होंने मुझे न केवल पढ़ाया, बल्कि मुझे इंसान बनाया। मैं आज जो भी हूं, उनके कारण हूं।”
फिर उस वैज्ञानिक ने हजारों लोगों के सामने मंच से उतरकर, पीछे बैठे अपने वृद्ध शिक्षक के चरण छुए, और बोले —
“आज आप मेरे सम्मान में बैठे हैं, पर असली सम्मान के अधिकारी आप हैं।“
पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा।
यह नज़ारा देखकर सबकी आंखों में आंसू थे।
🎓 सीख:
“एक सच्चा शिक्षक सिर्फ पाठ नहीं पढ़ाता, बल्कि भविष्य गढ़ता है।”
“शिक्षक का सम्मान करना, शिक्षा का सम्मान करना है।”