प्रेरक प्रसंग: पेड़ लगाओ, देश बचाओ

एक बार की बात है, एक गांव में आरव नाम का एक बच्चा रहता था। वह हर दिन स्कूल जाते समय रास्ते में सूखी ज़मीन, धूल और गर्मी से परेशान होता था। एक दिन उसने अपनी दादी से पूछा,

“दादी, हमारे गांव में इतनी गर्मी क्यों होती है? और दूसरे गांवों में इतनी हरियाली क्यों है?”

दादी मुस्कुराईं और बोलीं,

“बेटा, जहां पेड़ होते हैं, वहां छाया होती है, बारिश होती है, और जीवन होता है। पेड़ नहीं होंगे तो धरती भी बीमार हो जाएगी।”

आरव ने उसी दिन एक संकल्प लिया — हर साल कम से कम 5 पेड़ लगाने का
शुरुआत में बच्चे हँसे, मगर धीरे-धीरे गांव के और भी बच्चे जुड़ते गए। कुछ ही सालों में पूरा गांव हरा-भरा हो गया।

अब जब लोग पास के शहरों से उस गांव में आते हैं, तो कहते हैं —

“वाह! कितना सुंदर गांव है, यहाँ तो हवा भी ठंडी है!”

आज आरव के नाम पर गांव में एक बोर्ड लगा है —

“जिसने एक बीज लगाया, उसने सौ जीवन बचाए।”


🌱 सीख:

“अगर एक बच्चा चाह ले, तो पूरा गांव बदल सकता है।
और अगर सभी बच्चे मिल जाएं, तो देश बदल सकता है।”

पेड़ लगाना सिर्फ एक काम नहीं, एक राष्ट्र सेवा है।
पेड़ लगाओ, देश बचाओ।

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