प्रेरक प्रसंग: “सपनों की उड़ान”
एक छोटे से गाँव में एक बच्चा था जिसका नाम रघु था। रघु का सपना था कि वह एक बड़ा वैज्ञानिक बने और दुनिया को कुछ अनोखा दिखाए। लेकिन उसके आस-पास के लोग उसे अक्सर कहते, “तुम्हारे जैसे गरीब बच्चे बड़े सपने नहीं देख सकते। सपने देखना छोड़ दो और जो करना है, वो करो।”
रघु ने सबकी बात सुनी, लेकिन अपने दिल की आवाज़ को नहीं दबाया। उसने ठान लिया कि वह अपना सपना पूरा करेगा, चाहे कोई भी बाधा क्यों न आए। उसने दिन-रात मेहनत की, स्कूल के बाद देर रात तक पढ़ाई की, और धीरे-धीरे अपनी पढ़ाई में अव्वल आने लगा। उसने छोटी-मोटी समस्याओं के समाधान खोजने का प्रयास किया और हर छोटी उपलब्धि के साथ खुद को प्रोत्साहित किया।
कई साल बाद, रघु का नाम एक बड़ी वैज्ञानिक प्रतियोगिता में आया और उसने अपनी मेहनत के बलबूते वह प्रतियोगिता जीत ली। गाँव के लोग जो कभी उसके सपनों पर हंसते थे, अब उसकी सराहना कर रहे थे और अपने बच्चों को उसकी तरह बनने की सलाह दे रहे थे। [ प्रेरक प्रसंग विद्यार्थियों के लिए ]
सीख: इस प्रेरक प्रसंग से छात्रों को यह सीख मिलती है कि सपने बड़े हों या छोटे, उन्हें पाने की इच्छा और दृढ़ संकल्प सबसे जरूरी होता है। जब आप खुद पर विश्वास रखते हैं और पूरी मेहनत करते हैं, तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको रोक नहीं सकती।