प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों ने लगा दिए फर्जी दस्तावेज, शिक्षा विभाग में हड़कंप

प्रदेश में जिन अभ्यर्थियों ने लगाए फर्जी दस्तावेज, अब शिक्षा विभाग लेगा एक्शन

प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों ने लगा दिए फर्जी दस्तावेज, शिक्षा विभाग में हड़कंप

सीकर.

प्रदेश में शिक्षा विभाग की ओर से हुई प्री डीएलएड परीक्षा ( Dled Exam ) में 119 से अधिक अभ्यर्थियों ने विभिन्न कोटे के आरक्षणों का फायदा लेने के लिए गलत दस्तावेज ( Candidates Used Fake Documents for Admission ) लगा दिए। विभाग ( Education Department ) ने दूसरी काउंसलिंग प्रक्रिया से इनके दस्तावेज की जांच कराई तो पूरी सच्चाई सामने आ गई। खास बात यह है कि इनसे मूल दस्तावेज मांगते ही अभ्यर्थी गायब हो गए। अब विभाग ने अन्य अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की भी जांच की कवायद शुरू कर दी है। 70 से अधिक अभ्यर्थियों पर और गाज गिर सकती है। इधर, विभाग ने दूसरे राउण्ड की काउंसलिंग शुरू कर दी है। जबकि 3379 सामान्य और 142 संस्कृत के विद्यार्थियों ने आवंटित कालेज में प्रवेश नहीं लिया। इन रिक्त सीटों पर लगातार अभ्यर्थी प्रवेश की मांग कर रहे थे। अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री को शिकायत दी थी। विभाग ने 26 तक दूसरे राउण्ड की काउंसलिंग पूरी करने का निर्णय लिया है।

प्रदेश में पहली बार शिक्षा विभाग ने कराई परीक्षा
प्रीडीएलएड परीक्षा का जिम्मा विभाग ने पहली बार विभाग ने अपने हाथ में लिया। इससे विभाग को जहां आर्थिक तौर पर फायदा हुआ। वहीं विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया भी समय पर पूरी हो सकी। इससे पहले विभिन्न विवि की ओर से इस परीक्षा का आयोजन किया जाता था।

ऐसे समझें फर्जीवाड़ा

1. परित्यक्ता प्रमाण पत्र देने नहीं आई

प्रदेश में कई ऐसी महिलाएं भी सामने आई है जिन्होंने प्रीडीएलएड के आवेदन के समय परित्यक्ता कोटे में आवेदन कर दिया। विभाग ने इसके आधार पर इनको सीटों का आवंटन कर दिया। लेकिन जब दस्तावेजों का सत्यापन हुआ तो वह प्रमाण पत्र ही पेश नहीं कर सकी। इसके आधार पर आखिरी नोटिस देते हुए प्रवेश रोक दिया गया।

2. भूतपूर्व सैनिकों के कोटे में भी सेंधमारी

प्रवेश के लिए कई युवाओं ने सैनिक कोटे में भी सेंधमारी का प्रयास किया। युवाओं ने भूतपूर्व सैनिक व उनके आश्रित के तौर पर फायदा उठाने के लिए आवेदन कर दिया। जांच में ऐसे पांच से अधिक युवा भी दस्तावेज सत्यापन कराने नहीं पहुंचे। इनका रेकार्ड संबंधित सेना के अधिकारियों को सत्यापन के लिए भिजवाया गया है।

3. आर्थिक आधार पर आरक्षण का फायदा

दस से अधिक ऐसे अभ्यर्थी ऐसे सामने आए जिन्होंने आर्थिक आधार पर आरक्षण लेने की कोशिश की। विभाग की जांच में इनके पास भी प्रमाण पत्र नहीं मिले। विभाग ने 119 अभ्यर्थियों को 20 सितम्बर तक आपत्ति दर्ज कराने का समय दिया था। लेकिन एक फीसदी अभ्यर्थी भी आपत्ति जताने के लिए भी नहीं आए।

लेंगे शपथ पत्र

विभाग पुलिस में भी शिकायत देगी। शपथ पत्र लिया जाएगा कि उसके दस्तावेजों में यह विसंगति पाई गई और इसके चलते प्रवेश रद्द होता है कोई आपत्ति नहीं होगी।

प्री डीएलएड परीक्षा में पारदर्शिता का ध्यान रखा। कुछ अभ्यर्थियों ने गलत प्रमाण पत्रों से प्रवेश ले लिया था। प्रवेश रद्द कर दिए गए हैं। गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्य मंत्री

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