एक छोटा कदम, बड़ी सफलता की ओर
एक बार की बात है, एक छोटा बच्चा अपने पिता के साथ पहाड़ की यात्रा पर निकला। रास्ता ऊबड़-खाबड़ था, और हर कदम पर बच्चा गिर पड़ता। हर बार गिरने पर उसका पिता उसे उठाते और उसे फिर से चलने को कहते। बच्चे ने थककर कहा, “पापा, मुझे डर लग रहा है। मैं बार-बार गिरता हूँ। क्या मैं कभी इस पहाड़ पर चढ़ पाऊँगा?”
पिता ने मुस्कुराते हुए कहा, “बेटा, इस पहाड़ की चोटी पर पहुँचने के लिए एक साथ ऊँचे कदम नहीं उठाए जाते, बल्कि छोटे-छोटे कदमों से ही मंजिल पाई जाती है। बस तुम हर बार उठो और एक-एक कदम आगे बढ़ते रहो।”
यह सुनकर बच्चे ने अपने डर को पीछे छोड़ दिया और हर बार गिरने के बाद उठता गया। धीरे-धीरे, अपने छोटे-छोटे कदमों से उसने पहाड़ की चोटी पर पहुँच कर विजय पा ली।
**सीख:** इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में हर सफलता छोटे-छोटे कदमों से मिलती है। असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उनसे सीखकर आगे बढ़ना चाहिए। छात्रों के लिए यह एक प्रेरणा है कि हर कठिनाई को धैर्य और निरंतरता से पार किया जा सकता है।